नॉन वेज बना मेरी किडनी का दुश्मन
नमस्कार, मेरा नाम मुहम्मद फरहान अली है और मैं मेरठ, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ। हम सभी जानते हैं कि नॉन वेज खाना हमारी सेहत के लिए कितना जरूरी होता है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि नॉन वेज की वजह से हमारी किडनी भी खराब हो सकती है? नहीं ना, मुझे भी इस बारे में नहीं पता था पर जब दो साल पहले मेरी किडनी खराब हुई तब मुझे इस बारे में पता चला कि नॉन वेज खाने से भी किडनी खराब हो सकती है। नहीं तो मुझे बस इतना ही मालूम था कि केवल शराब पीने से ही किडनी खराब होती है।मैंने अपनी खराब हुई किडनी को ठीक करने के लिए डॉक्टर की सभी बातें मानते हुए कुछ महीनों तक डायलिसिस भी करवाया था पर उससे मुझे कोई फायदा नहीं मिला, उल्टा इसकी वजह से मेरी तबियत पहले से भी ज्यादा खराब हो चली थी। मेरी लगातार खराब होती हालत को देखते हुए डॉक्टर मुझे जल्द से जल्द किडनी ट्रांसप्लांट के लिए कहने लगे थे पर मैं इसके लिए राजी नहीं था। लेकिन फिर जब मैंने आखिरी समय में डॉ. पुनीत धवन से आयुर्वेदिक उपचार लिया तब कहीं जाकर मेरा डायलिसिस बंद हुआ और मेरी किडनी ठीक हो सकी और आज मैं एक दम स्वस्थ जीवन जी रहा हूँ।
मैंने बचपन से ही एक बात सुनी थी, “सन्डे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे”। मैं भी इस कहावत को मानता था और रोजाना ही अंडे खाया था और जब मैं बड़ा होने लगा तो इसकी जगह पर नॉन वेज आ गया।मुझे बचपन से ही नॉन वेज खाना बहुत ज्यादा पसंद था, उस दौरान शायद ही ऐसा कि दिन होता था जब मैं नॉन वेज नहीं खाया करता था। मेरे इस नॉन वेज खाने की आदत से मेरे घर वाले मुझसे काफी परेशान थे, क्योंकि मुझसे नॉन वेज पचाया नहीं जाता था। मैं उस दौरान जब भी नॉन वेज से बवानी कोई भी चीज़ खाता तो मुझे अजस्त पेट से जुड़ी कोई न कोई समस्या हो जाती थी।इसी वजह से घर वालों ने नॉन वेज बनाना कम कर दिया था, पहले तो हस्ते के तक़रीबन हर दिन नॉन वेज बनता था, लेकिन मेरी वजह से सप्ताह में दो से तीन बार ही नॉन वेज बनने लग गया था।पर मैं चलाक था, होता यूँ था कि जब भी घर में ओं वेज बनता मैं आने वाले दिनों के लिए नॉन वेज बचा कर फ्रिज में छिपा कर रख दिया करता था, जिससे मुझे फिर से पेट से जुड़ी समस्या हो जाती थी।पेट खराब होने की वजह से मैं अक्सर कोई न कोई दवा लिया करता था और चूर्ण को तो हमेशा साथ में ही लिया रखता था और इसी वजह से मेरा ब्लड प्रेशर अक्सर हाई हो जाता था।ब्लड प्रेशर हाई रहने और पेट खराब की वजह से मुझे अक्सर हॉस्पिटल में एडमिट भी होना पड़ा था, जहाँ जाते ही डॉक्टर मुझे अपने खाने पीने में बदलाव करने की सलाह देते थे ताकि मेरी तबियत और ज्यादा खराब ना हो जाए।
Ayurvedic Kidney Treatment Without Dialysis in India
लेकिन मैंने उस दौरान डॉक्टर और घर वालों की किसी भी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और ऐसे ही नॉन वेज खाना चालू रखा, हाँ बस थोडा कम कर दिया था।शुरुआत में तो मैंने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, लेकिन जैसे-जैसे मेरी उम्र बढ़ती गई वैसे-वैसे मेरी परेशानी भी बढ़ती चली गई। इस बीच जब भी मेरा ब्लड प्रेशर काफी ज्यादा हाई हो जाता था तो मैं उसे दवा लेकर काबू में कम किया करता था, लेकिन कई बार स्थिति ज्यादा खराब होने पर मुझे हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ता था। डॉक्टर मुझे ब्लड प्रेशर दवाएं लेने के लिए मना करते थे, उनका कहना था कि अगर मुझे इनकी आदत हो गई थी मुझे काफी तकलीफ हो सकती है, जिसमे किडनी भी खराब हो सकती है। लेकिन मैंने उनकी बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया और कुछ ही सालों ने मुझे ब्लड प्रेशर की दवाएं लेने की आदत लग चुकी थी।उन दिनों मुझे दवाएं लेने की ऐसी आदत लगी हुई थी कि बिना दवा लिए मुझे बिलकुल भी आराम नहीं मिलता और मुझे इससे कोई परेशानी नहीं होती थी।मैं खुश था कि अब दवाएं लेने से मुझे ब्लड प्रेशर की कोई समस्या नहीं होती लेकिन मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि जिन दवाओं को मैं ठीक होने के लिए ले रहा हूँ वहीं दवाएं एक दिन मेरी किडनी खराब होने का कारण बनने वाली है। किडनी खराब होने से पहले मुझे ब्लड प्रेशर की दवाएं लेते हुए काफी साल बीत चुके थे, लेकिन दवाओं के साथ परहेज ना करने की वजह से मुझे दवाओं से आराम मिलना काफी कम हो चूका था और शायद किडनी खराब होने का यही पहला लक्षण था, पर मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
खैर, अब काफी देर हो चुकी थी चिड़िया खेत चुग चुकी थी। डॉक्टर द्वारा मेरी किडनी खराब होने की पुष्टि करने से पहले करीब महिना भर पहले मेरी तबियत अचानक से खराब रहने लग गई थी जो कि मेरी किडनी खराब होने के लक्षण थे।किडनी खराब होने पर वैसे तो मुझे बहुत सारी समस्याएँ हुई थी, लेकिन मुझे सबसे पहली समस्या पेशाब से जुड़ी हुई थी। उस दौरान मुझे अचानक से पेशाब करते हुए जलन महसूस होने लगी थी जिसपर मैंने कुछ दिनों तक कोई ध्यान नहीं दिया। पर जब मुझे पेशाब करते हुए ज्यादा जोर लगाना पड़ा और फिर भी कम पेशाब आया तो मुझे लगा कि कुछ तो गड़बड़ है। मैंने कुछ देसी दवाएं ली पर कोई आराम नहीं मिला उल्टा मामला और ज्यादा बढ़ गया। इन दोनों के साथ-साथ मेरे पेशाब का रंग गहरा होता चला गया और पेशाब से काफी बदबू भी आने लग गई। इन्हीं दिनों मेरे पैरों में सूजन भी रहने लग गई जो कि लगातार बढ़ती जा रही थी और कुछ ही दिनों में सूजन इतनी ज्यादा बढ़ गई कि मैं ठीक से 10 कदम भी नहीं चल पा रहा था। वहीं दूसरी तरफ ब्लड प्रेशर भी काफी ज्यादा हाई रहने लग गया और इसकी वजह से मुझे दिन में कई बार उल्टियाँ आने लगी। इस दौरान मेरे पेट में भी काफी दर्द रहने लगा था जिसको सहन कर पाना काफी मुश्किल था, लेकिन लाख दवाएं लेने पर भी मुझे कोई आराम नहीं मिल रहा था।
फिर जब हालत में कोई सुधार नहीं हुआ तो घर वालों ने मुझे एक बड़े अस्पताल में एडमिट करवा दिया जहाँ जाते ही डॉक्टर ने मुझे देखते हुए कहा कि लगता है आपकी किडनी खराब हो चुकी है, लेकिन फिर भी आप एक कुछ टेस्ट करवा लीजिये जिससे हमे इस बारे में ठीक से जानकारी मिल सके। मैंने डॉक्टर की बात मानते हुए उसी दिन सारे टेस्ट करवाए और रिपोर्ट्स आते ही उन्हें डॉक्टर को दिखाया। मेरी रिपोर्ट्स देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि ज्यादा नॉन वेज खाने, ज्यादा दवाएं लेने और हाई ब्लड प्रेशर की वजह से मेरी किडनी खराब हो चुकी है इसी वजह से मुझे ये सभी समस्याएँ हो रही है। डॉक्टर ने मुझे आगे बताया कि ज्यादा नॉन वेज लेने की वजह से मुझे प्रोटीन लोस की समस्या भी हो रही है इसीलिए शरीर में काफी कमजोरी आई हुई है। जब डॉक्टर ने अपनी बात खत्म की तो मैंने उनसे पूछा कि क्या मैं ठीक हो सकता हूँ? मेरी बात खत्म होते ही डॉक्टर ने मुझे बताया कि अब मुझे अपनी किडनी ठीक करने के लिए जल्द से जल्द डायलिसिस शुरू करवाना होगा, नहीं तो मेरी हालत और भी ज्यादा खराब हो सकती है।मुझे भी डॉक्टर की बातों पर यकीन हुआ और मैंने कुछ ही दिनों में डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया। जब मेरा पहला डायलिसिस हुआ तब मुझे उससे काफी ज्यादा तकलीफ हुई लेकिन मैंने उसे सहन कर लिया क्योंकि मुझे लग रहा था इसी से मेरी किडनी ठीक होने वाली है।
लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, मैंने किडनी ठीक होने की उम्मीद में करीब साल भर हर हफ्ते दो बार डायलिसिस करवाया पर कोई फायदा नहीं मिला, बल्कि मेरी हालत और ज्यादा खराब हो गई। जब डायलिसिस करवाने से मेरी तबियत और ज्यादा खराब हो गई तो डॉक्टर ने मुझसे कहा कि अब मुझे किडनी ट्रांसप्लांट करवा लेना चाहिए, मैं इसी से ठीक हो सकता हूँ। मैंने डॉक्टर की ये बात भी मान ली और किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए तैयारी करने लगा, लेकिन इस बात का डर भी था कि कहीं ये ऑपरेशन सफल नहीं हुआ तो क्या होगा। इसी बीच मुझे एक दिन मेरे एक दूर के रिश्तेदार मुझसे मिलने आए और उन्होंने मुझे के बार आयुर्वेदिक उपचार लेने की सलाह दी। मेरे रिश्तेदाए ने मुझे बताया कि दिल्ली में कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल है जहाँ बिना डायलिसिस के ही खराब हुई किडनी को ठीक किया जाता है। मैंने अपने रिश्तेदार की बात मान ली और मैं कुछ ही दिनों में कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल चला गया जहाँ मेरी मुलाकात डॉ. पुनीत धवन से हुई, मैंने उनको अपनी सारी रिपोर्ट्स दिखाई जिन्हें देखने के बाद उन्होंने मुझे बताया कि मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगा बस समय से आयुर्वेदिक दवाएं लेनी होगी और खाने पीने का खास ख्याल रखना होगा साथ ही शराब पीना बंद करना होगा। मैंने घर आकर डॉ. पुनीत धवन के कहे अनुसार दवाएं लेनी शुरू कर दी जिससे मुझे हफ्ते भर में ही अपने अंदर सुधार नज़र आने लगा और देखते ही देखते मैं कुछ ही महीनों में मेरी किडनी एक दम ठीक हो गई और मुझे सभी समस्याओं से छुटकारा भी मिल गया।
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